...... मेरी पत्नी रेलवे स्टेश्न पर ही छूट गयी।

                             कहीँ एक ट्रेन मेँ जर्नल के डिब्बे मेँ दादाजी बैठे थे ट्रेन स्टेश्न छोँड चुकी थी। तभी एक नौजवान युवक जिसका विवाह कुछ दिन पहले हुआ था वो भी उसी डिब्बे मेँ चढा बहुत परेशान लग रहा था, बोल रहा था मेरी पत्नी स्टेश्न मेँ रह गयी मैँ जल्दी से ट्रेन पर चढ गया वो वहीँ छूट गयी, नहीँ चढ पायी। दादाजी उससे बोले - "बेटा तुम रामायण पढते हो?" युवक बोला - "मेरी पत्नी स्टेश्न पर रह गयी और आपको रामायण पढने की पडी है ! " दादाजी अपना प्रश्न दोहराते हुए बोले - "अगर रामायण पढते होते तो पत्नी स्टेश्न पर नहीँ छूटती। रामयण मेँ श्री राम जी ने मैया सीता को पहले नाव पर चढाया था, फिर स्वयं चढे। अगर एक बार भी रामायण पढे होते तो कुछ संस्कार तो सीख ही लेते।"