दुनियाभर में आज भी कई ऐसे स्थान हैं, जिनका रहस्य अब तक अनसुलझा है। विज्ञान की लाख तरक्की के बावजूद कई गुत्थियां ऐसी हैं, जिनका सही-सही जवाब दे पाना आज भी संभव नहीं हो पाया है। हालांकि, धर्मग्रंथों और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ये रहस्य न होते हुए ईश्वरीय शक्ति के निशान हैं। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह श्रीलंका के सुदूर इलाके में मौजूद इस जगह को 'एडम्स पीक' और 'श्री पद' भी कहते हैं. श्रीलंका के दक्षिणीतट गाले में एक बहुत रोमांचित करने वाली जगह 'एडम्स पीक' है। इसे रहुमाशाला कांडा कहते हैं। इस पहाड़ का अपना पौराणिक इतिहास रहा है। कहते हैं राम-रावण युद्ध के दौरान मेघनाद की शक्ति लक्ष्मण निशाना बने और उनकी जान पर बन आई। उनके प्राण सिर्फ संजीवनी बूटी से बचाए जा सकते थे। इसे लाने का काम राम भक्त हनुमान को दिया गया। हनुमान हिमालय की कंदराओं में संजीवनी बूटी खोजते रहे, लेकिन उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। तब उन्होंने पहाड़ के एक टुकड़े को ही ले जाने का फैसला किया। मान्यताओं के अनुसार यह वहीं पहाड़ है। वहीं, इस पर बना मंदिर भी एक खास चीज के लिए प्रसिद्ध है। एडम्स पीक पर बने मंदिर में एक देवता के पैरों के निशान हैं। हिंदू धर्म की मानें तो यह देवों के देव शंकर के पैरों के निशान है। शिव को विनाशक भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शंकर मानव जाति को अपना दिव्य प्रकाश देने के लिए यहां प्रकट हुए थे। इसलिए इसे सिवानोलीपदम (शिव का प्रकाश) भी कहा जाता है। 2,224 मीटर की ऊंचाई पर लाखों भक्त और सैलानी आकर सिर झुकाते हैं। यहां से एशिया का सबसे अच्छा सूर्यउदय देखा जा सकता है।