स्वामी विवेकानंद बेठे थे। एक लड़का आया....बोला माँ-बाप का आदर क्यों करना चहिये? स्वामी विवेकानंद बोले एक डेड किलो का पत्थर लेके आ। वो लड़का पत्थर लेके आया। स्वामी विवेकानंद जी ने वो पत्थर उस लड़के के पेट पे बाँध दिया और कहा १० घंटे बाद आना मैं तुम्हारे प्रश्न का जवाब दूंगा। अब वो लड़का १ घंटा भी नही रुक पाया परेशान परेशान हो गया वो लड़का वापिस स्वामी जी के पास आया और बोला मुझसे नही राह जाता ये पत्थर खोलो मुझे तकलीफ हो रही है। स्वामी जी ने खुलवा दिया पत्थर फिर लड़का बोला मेरे सवाल का जवाब दो। तब स्वामी जी बोले यही तो जवाब था! जब तू १ घंटा भी डेड किलो के पत्थर को नही सँभाल सकता तो सोच माँ ने केसे तुझे ९ महीने पेट में रखा होगा। तुम तो १ घंटा भी पत्थर नही रख सके। सोचो उसका क्या हाल हुआ होगा। जिस माँ ने तुम्हे ९ महीने इतनी तकलीफ से संभाला। उस माँ का आदर नही करोगे तो क्या किसी हिरोईन (नचनियोँ) का आदर करोगे।