आसाराम बापू के खिलाफ इतना भयंकर षड्यंत्र आखिर क्यों?
                       आसाराम बापू ने पिछले 50 वर्षों में समाजोत्थान, देश के युवाओं को सही दिशा देने तथा हिन्दू संस्कृति के प्रचार-प्रसार के जो कार्य किये हैं, उनसे कोई अनजाना नहीं है। आसाराम बापू के सत्संग से जिनको लाभ हुआ है ऐसे लोगों की संख्या हजारों, लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है। लोगों के मन में प्रश्न है कि जिस व्यक्ति ने समाज की भलाई के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया उसके विरुद्ध कौन षड्यंत्र करेगा और क्यों करेगा? ‘हिन्दू वॉइस’ मासिक पत्रिका के सम्पादक श्री पी. दैवमुत्थु ने इस सवाल का जो जबाव दिया, प्रस्तुत हैं उसके कुछ अंश : 
* आसाराम बापू सबको मंत्र-चिकित्सा,ध्यान, प्राणायाम, सादा रहन-सहन, स्वदेशी वस्तुएँ एवं स्वदेशी आयुर्वेदिक चिकित्सा को अपनाने की सीख देते हैं, फूँकने-थूकनेवाले ‘हैप्पी बर्थ-डे’ की जगह भारतीय पद्धति से जन्मदिवस मनाने की प्रेरणा देते हैं। इससे विदेशी कम्पनियों का प्रतिवर्ष कई हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। 
* आसाराम बापू के सत्संग से लोगों में सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था बढ़ने से देशविरोधी तत्त्वों को तकलीफ होती है। 
* आसाराम बापू धर्मांतरणवालों के लिए भारी रुकावट हैं इसलिए वे लोग सत्ता की सहायता से बापूजी और हिन्दू संतों को हर प्रकार से झूठे इल्जामों में फँसा रहे हैं। आसाराम बापू आदिवासियों में अन्न, वस्त्र, बर्तन, गर्म भोजन के डिब्बे, कम्बल, दवाएँ, तेल आदि जीवनोपयोगी सामग्रियाँ बाँटते रहे हैं। इससे धर्मांतरण करनेवालों का बोरिया-बिस्तर बँध जाता है। 
* कई मीडियावाले पैसों के लिए तो कई टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ-का-कुछ दिखाते रहते हैं। 
* आसाराम बापू के सत्संग से लोग महँगी दवाओं और बिनजरूरी ऑपरेशनों से बच रहे हैं, जिससे कई लूटनेवालों की बिक्री में भारी कमी आती है। 
* आसाराम बापू की प्रेरणा से चल रहे ‘युवाधन सुरक्षा अभियान’ तथा गुरुकुलों व बाल संस्कार केन्द्रों के असाधारण प्रतिभासम्पन्न विद्यार्थियों द्वारा ओजस्वी-तेजस्वी भारत का निर्माण हो रहा है। 
* आसाराम बापू के सत्संग एवं उनकी प्रेरणा से चल रहे ‘व्यसनमुक्ति अभियान’ से करोड़ों लोगों की शराब, सिगरेट, गुटखा आदि व्यसन छूटते हैं। साथ ही लोग अश्लील सामग्रियों से भी बचते हैं। इससे विदेशी कम्पनियों का खरबों रुपये का नुकसान होता है। इनके अलावा और भी कई कारण हैं जिनसे कभी ईसाई मिशनरियाँ, कभी विदेशी कम्पनियाँ तो कभी कोई और, मीडिया को मोहरा बनाकर हिन्दू संस्कृति व आसाराम बापू जैसे संतों के विरुद्ध षड्यंत्र करते रहते हैं।